Tuesday, June 15, 2010

नैनीताल - सुहानी शाम

6 comments:

  1. ऐसी ही एक तस्‍वीर थी जि‍सके नीचे ये पंक्‍ि‍तयां थीं - मेरी आखि‍री तस्‍वीर कौन सी होगी, क्‍या मेरी ही ली हुई.... या कि‍न्‍ही लोंगों द्वारा। रात में रोशनी की जगमगाहट देखते ही बनती है, पर सवेरों को लोगों ने गर्क कर दि‍या है, नहीं धीरज जी।

    ReplyDelete
  2. अद्भुत फोटो...बधाई
    नीरज

    ReplyDelete
  3. बेहद ही खुबसूरत और मनमोहक...

    ReplyDelete