Tuesday, December 29, 2009

तोता राम



तोता राम भाई तोता राम
पंख हरे चोंच है लाल
गले मे पहने गहरी कंठी माला

सुबह शाम रटता राम राम
बच्चो का मनभावन तोता राम
सबको बुलाता कह राम राम
सबका प्यारा भाई तोता राम

5 comments:

  1. बढ़िया बाल कविता!!

    यह अत्यंत हर्ष का विषय है कि आप हिंदी में सार्थक लेखन कर रहे हैं।

    हिन्दी के प्रसार एवं प्रचार में आपका योगदान सराहनीय है.

    मेरी शुभकामनाएँ आपके साथ हैं.

    नववर्ष में संकल्प लें कि आप नए लोगों को जोड़ेंगे एवं पुरानों को प्रोत्साहित करेंगे - यही हिंदी की सच्ची सेवा है।

    निवेदन है कि नए लोगों को जोड़ें एवं पुरानों को प्रोत्साहित करें - यही हिंदी की सच्ची सेवा है।

    वर्ष २०१० मे हर माह एक नया हिंदी चिट्ठा किसी नए व्यक्ति से भी शुरू करवाएँ और हिंदी चिट्ठों की संख्या बढ़ाने और विविधता प्रदान करने में योगदान करें।

    आपका साधुवाद!!

    नववर्ष की अनेक शुभकामनाएँ!

    समीर लाल
    उड़न तश्तरी

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  2. ऐसे तोते का उपयोग वैवाहिक उपक्रमों में होते देखा है ।
    साम्य बिठाने की बेहतर कोशिश ।
    आभार..!

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  3. उठाया कहाँ से, सजाया कहाँ । यही तो ब्लॉग-जगत की विशेषता है कि सब फिट हो जाता है यहाँ !
    चित्र सुन्दर है !

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  4. bahut hi pyrai si baal kavita..

    chitr bhi bahut sundar hai...

    ---------blog ke header mein lagi image bhi bahut achchee lagi.
    Abhaar,

    Naye saal ki aap ko bhi agrim badhaayeee.

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  5. वाह!! शानदार प्रस्तुति..एक बेहतरीन रचना!

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