A Photo-Blog of Dhiraj shah
नरेगा के चित्रों की एक श्रृंखला शुरु करते तो अच्छा होता । तुम्हारे पास तो बहुत कुछ है इस तरह का ।
वाह बढ़िया लगा! इस शानदार और उम्दा रचना के लिए बधाई!
सटीक अभिव्यक्ति है और तस्वीर तो सुन्दर होती ही है आशीर्वाद्
सार्थक व्यंग्य।------------------भीड़ है कयामत की, फिरभी हम अकेले हैं।इस चर्चित पेन्टिंग को तो पहचानते ही होंगे?
जहाँ केवल मिलता है दोषफिर भी वहाँ है जाते लोगमिलता है काम केवल अपनो कोइन पंक्तियों ने दिल छू लिया... बहुत सुंदर ....रचना....
नरेगा के चित्रों की एक श्रृंखला शुरु करते तो अच्छा होता । तुम्हारे पास तो बहुत कुछ है इस तरह का ।
ReplyDeleteवाह बढ़िया लगा! इस शानदार और उम्दा रचना के लिए बधाई!
ReplyDeleteसटीक अभिव्यक्ति है और तस्वीर तो सुन्दर होती ही है आशीर्वाद्
ReplyDeleteसार्थक व्यंग्य।
ReplyDelete------------------
भीड़ है कयामत की, फिरभी हम अकेले हैं।
इस चर्चित पेन्टिंग को तो पहचानते ही होंगे?
जहाँ केवल मिलता है दोष
ReplyDeleteफिर भी वहाँ है जाते लोग
मिलता है काम केवल अपनो को
इन पंक्तियों ने दिल छू लिया... बहुत सुंदर ....रचना....