Thursday, April 1, 2010

घंटी(bell)

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ghanti

4 comments:

  1. Wahh Bhai Wahh Maan Gaye Dheeraj ji Appki Photography..

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  2. आकाश मे टंगी घंटी और नीले आकाश का विस्तार .
    और घंटी की ध्वनि की गूंज का विस्तार ..
    निरख रहा हूँ बहुत कुछ..पर्वतमाला का विस्तार भी..
    चित्र सुन्दर

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  3. क्या जीवन्त चित्र लिया है आपने !
    घंटी की टंकार को पर्वत से आ टकरा अन्तर्मन में अनुभव कर रहा हूं ..!
    अत्यन्त आकर्षक चित्र...!
    आभार

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