Wednesday, October 28, 2009

मूसाफिर हु यारो



मुसाफिर हु यारो, बस चलना है काम , न घर है ना ठिकाना,
जहाँ रात हुयी वही ठिकाना, जो बोले मीठे बोल वही है याराना,
मुसाफिर हु यारो, बस चलना है काम

7 comments:

  1. सुन्दर फोटो क्या यह फोटो इलाहाबाद स्टेसन की है ?

    ReplyDelete
  2. वाह सुन्दर तस्वीर है। यहां सभी मुसाफिर हैं घबराओ मत बस चलते रहो आशीर्वाद

    ReplyDelete
  3. बहुत बढि़या ।

    ReplyDelete
  4. इक हमसफ़र की तलाश में मैं चलता चला गया।
    सफ़र मेरा लेकिन अब तक नहीं हुआ मुकम्मल।।

    ReplyDelete
  5. वाह सुंदर तस्वीर के साथ आपने बहुत ही बढ़िया लिखा है ! मुझे वो मशहूर गाना याद आ गया "मुसाफिर हूँ यारों, न घर है न ठिकाना, मुझे चलते जाना है..."!

    ReplyDelete
  6. क्या बात है ....कुन कुनी धूप में गरम गरम चाय .....! अच्छी फोटो !

    ReplyDelete
  7. PHOTO KIS JAGAH KA HAI..
    LAJWAAB PHOTO HAI STATION KA

    ReplyDelete