Friday, October 30, 2009

अंजान



अंजान है रास्ता , अंजना है सफर , अनजाने लोग , अंजान है हमसफर ,फिर भी निकल पड़ा हु |
आगे
पहचाना रास्ता मिला , मंजिल मिला , पहचाने लोग मिले , हमसफर मिला ,
पर
मेरी पहचान न मिली ...........

6 comments:

  1. मंजिल मिला- इसे मंजिल मिली ....कर लिजिये...बाकी बेहतरीन!!

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  2. bahut achha ...waah !

    kamal kaa chitra aur kamaal ki abhivyakti !

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  3. मेरी पहचान न मिली ....
    उम्मीद है कभी तो मिलेगी.

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  4. बहुत-बहुत खूबसूरत.

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  5. बहुत खूबसूरत ! वाह !

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