Sunday, August 8, 2010

प्रकृति- Life of nature




प्रकृति पे प्रकृति की छाया

Monday, June 21, 2010

कच्चा घडा



मानव तन भी कच्चा घडा है जिस साचे में ढालो उस साचें ढल जाता है।

Sunday, June 20, 2010

प्यास


गरमी मे इंसान ही नही जानवर भी प्यासा ॥

Friday, June 18, 2010

बादल और धरती










नैनीतल भ्रमण के दौरान बादलो का पहाणों से मिलन देखा उसका मनभावन चित्र ॥

Wednesday, June 2, 2010

आकृति- शेषना्ग


नौ देवी गुफा मे पहाड पर उभरी शेषनाग की आकृति

Sunday, May 9, 2010

सत्यम शिवम सुन्दरम



सत्यम शिवम सुन्दरम
शिव ही सत्य है ।
शिव ही अनन्त है ।
शिव ही सुन्दर

Saturday, May 8, 2010

चकरी



जीवन एक चकरी है जिसमे हर कोई घुमता है ।



Wednesday, April 14, 2010

राहगीर

राहगीर

झुलसती धुप मे मिली छाँव तो पथिक चल आराम कर ले ………

Tuesday, March 30, 2010

Tuesday, March 23, 2010

जय माता दी




माँ विन्ध्य्वासिनी
जय जय जय हो।
सर्व मंगल मांगल्ये शिवे सर्वार्थसाधिके।
शरण्ये त्रयंबके गौरी नारायणि नमोअस्तुते






जय वैष्णो देवी
जय माता दी, जय माता दी



श्री दुर्गा मन्त्र

ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे ॥

ॐ ग्लौं हुं क्लीं जूं सः ज्वालय ज्वालय ज्वल ज्वल प्रज्ज्वल प्रज्ज्वल

ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे ज्वल हं सं लं क्षं फट्‍ स्वाहा ॥

नमस्ते रुद्ररूपिण्यै नमस्ते मधुमर्दिनी ।

नमः कैटभहारिण्यै नमस्ते महिषार्दिनी ॥1॥

नमस्ते शुम्भहन्त्रयै च निशुम्भासुरघातिनी ।

जाग्रतं हि महादेवि जपं सिद्धं कुरुष्व मे ॥2॥

ऐंकारी सृष्टिरुपायै ह्रींकारी प्रतिपालिका ।

क्लींकारी कामरूपिण्यै बीजरूपे नमोऽस्तु ते ॥3॥

चामुण्डा चण्डघाती च यैकारी वरदायिनी ।

विच्चे चाभयदा नित्यं नमस्ते मन्त्ररूपिणी ॥4॥

धां धीं धूं धूर्जटेः पत्नी वां वीं वूं वागधीश्वरी ।

क्रां क्रीं क्रं कालिकादेवि शां शीं शुभं कुरु ॥5॥

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सर्व मंगल मांगल्ये शिवे सर्वार्थसाधिके।
शरण्ये त्रयंबके गौरी नारायणि नमोअस्तुते

Monday, January 4, 2010

Friday, January 1, 2010

नयी उमंग



नया साल
नयी उमंग नये लोग फैला है चारो ओर नया उत्साह हर चेहरो पर है खुशी लोग हुये मतवाले आज क्यो की आया नया साल नयी इरादो को ले
नया साल हो मुबारक.....