Sunday, June 14, 2009

भोर की सुबह



भोर की सुबह
अलसाई सुबह
पर
सुबह लाती है
नया सबेरा
नयी रोशनी
नयी किरणे
तो जागो
सबेरा हुआ ।

2 comments:

  1. अभिव्यक्ति भी सुन्दर है । फोटो तो सुन्दर है ही ।

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  2. सुन्दर कविता.. सुन्दर फो्टो..

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