Wednesday, June 17, 2009

नीला आसमां - II



नीला आसमाँ
आ पहुचा
पहाडो की गोद मे
पहाड़ उसे छुने की कोशिश मे
पर
उसे छु भी न पाया
और आसमाँ दूर रहा |

7 comments:

  1. bahut achha likha hai aapne saath me tasveer bhi achhi lagai hai

    ReplyDelete
  2. मुझे आपका ब्लॉग बहुत अच्छा लगा! बहुत सुंदर कविता लिखा है आपने!
    मेरे ब्लोगों पर आपका स्वागत है!

    ReplyDelete
  3. नीला आसमां के चित्र क्यों इतने खूबसूरत हो जा रहें हैं तुम्हारे ब्लॉग पर ! बेहतर ।
    कुछ पंक्तियाँ लिख देने से बहुत कुछ समझ में आ जाता है चित्र खींचने का प्रयोजन । धन्यवाद ।

    सच्चा शरणम्: यह हँसी कितनी पुरानी है ?

    ReplyDelete
  4. बहुत प्यार चित्र और साथ में पंक्तिया भी..

    ReplyDelete
  5. फोटो, कविताए .....और कुल मिलाकर ब्लॉग ...सब आप जैसा ही जबरदस्त हो गया है ! सचमुच बहुत अच्छा लगा देख कर !

    ReplyDelete
  6. lajawab......maza aaya padhkar...achha likha hai aapne

    ReplyDelete