कल रात मै अपने कस्बे मे घुमने निकला तो मेरी नजर अचानक एक नाई के दुकान पर पडी जो बडी़ शिद्द्त से एक व्यक्ति के बाल की कटिंग कर रहा था लेकिन वहाँ सबसे बडी महत्वपुर्ण बात थी रोशनी का जुगाड । वह दो मोमबत्ती जलाये हुआ था । वह एक मोमबत्ती को मुह मे दबाये हुये था तो दुसरी डेस्क पर , हमारे यहाँ बिजली तो आती है लेकिन कब चली जायेगी इसका कोई ठीक नही है, तब तो जाहिर सी बात लोगो को रोशनी का जुगाड किसी न किसी तरह से तो करना पडेगा।
चित्रावली भी साथ ही संलग्न है । हम भी समझ रहे हैं बिजली का संकट । आभार ।
ReplyDeleteबहुत खूब धीरज जी। अच्छा लगा आपके सोचने का दृष्टिकोण।
ReplyDeleteसादर
श्यामल सुमन
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रोशनी की जुगत मे तो सारे है पर न जाने कौन रोशनी को चुरा लेता है.
ReplyDeleteसाभार
अच्छा तरीका निकाला है !
ReplyDeleteअनोखा है........दिखाने के लिये शुक्रिया
ReplyDeleteजय हो भाई जुगाड़ू की!
ReplyDeleteक्या तस्वीर लाये हैं भई..बहुत सही!!
ReplyDeleteबहुत बढ़िया लगा! आपने बिल्कुल सच्चाई का ज़िक्र किया है और साथ में शानदार तस्वीरें! ये एक बहुत बड़ी समस्या है हमारे देश में, बिजली चली जाती है कमबख्त और आने का नाम नहीं लेती! बेवक्त बिजली का जाना तो जैसे आदत सी पड़ गई है सभी को! अब लोग अपना काम तो बंद नहीं कर सकते!
ReplyDeleteसही जुगाड़ है.. बन्दे की लगन है..
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