Monday, July 6, 2009

रोशनी का जुगाड़

kal kee post

कल रात मै अपने कस्बे मे घुमने निकला तो मेरी नजर अचानक एक नाई के दुकान पर पडी जो बडी़ शिद्द्त से एक व्यक्ति के बाल की कटिंग कर रहा था लेकिन वहाँ सबसे बडी महत्वपुर्ण बात थी रोशनी का जुगाड । वह दो मोमबत्ती जलाये हुआ था । वह एक मोमबत्ती को मुह मे दबाये हुये था तो दुसरी डेस्क पर , हमारे यहाँ बिजली तो आती है लेकिन कब चली जायेगी इसका कोई ठीक नही है, तब तो जाहिर सी बात लोगो को रोशनी का जुगाड किसी न किसी तरह से तो करना पडेगा।

9 comments:

  1. चित्रावली भी साथ ही संलग्न है । हम भी समझ रहे हैं बिजली का संकट । आभार ।

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  2. बहुत खूब धीरज जी। अच्छा लगा आपके सोचने का दृष्टिकोण।

    सादर
    श्यामल सुमन
    09955373288
    www.manoramsuman.blogspot.com
    shyamalsuman@gmail.com

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  3. रोशनी की जुगत मे तो सारे है पर न जाने कौन रोशनी को चुरा लेता है.
    साभार

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  4. अच्छा तरीका निकाला है !

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  5. अनोखा है........दिखाने के लिये शुक्रिया

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  6. क्या तस्वीर लाये हैं भई..बहुत सही!!

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  7. बहुत बढ़िया लगा! आपने बिल्कुल सच्चाई का ज़िक्र किया है और साथ में शानदार तस्वीरें! ये एक बहुत बड़ी समस्या है हमारे देश में, बिजली चली जाती है कमबख्त और आने का नाम नहीं लेती! बेवक्त बिजली का जाना तो जैसे आदत सी पड़ गई है सभी को! अब लोग अपना काम तो बंद नहीं कर सकते!

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  8. सही जुगाड़ है.. बन्दे की लगन है..

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