सजा है हाथ मेहदीं से निखरी है आज मेहदीं दुल्हन की खुद पे आज नाज करती वह कि निखरी है आज मेहदीं लोगो को दिखाती आज मेहदीं का हाथ खुद पर रिझती खुद पर करती नाज निखरी है आज मेहदीं
कल हुआ था जन्म मेरा आज है जन्मदिवस हर तरफ फैली है खुशीयाँ लोग है हँसते हुये लोग है नाचते हुये घर मे है आज उत्सव कही बन रहे है पुवे तो कही बन रहे है पकवान जुटे है आज लोग मनाने मेरा जन्मदिवस हर तरफ फैली है खुशीयाँ आज है मेरा जन्मदिवस ।
देखा, कल रात मैने इक सपना वो हकीकत था या सपना मै खुद समझ नही पाया वो आयी और चली गयी सुहाने सपने देकर मै ढुढता रहा लेकिन वो चली गयी वो सपने से देखा, कल रात मैने इक सपना...
बचपन का मौजपन दुनिया से बेखबर लडकपन का जोश अपनी उमंगो की रवानी युवा होने की खुमारी लोगो से आगे निकलने का जोश प्रौढ होने पर अपनी और लोगो की जिम्मेदारी बुढापा , लोगो का ताना इच्छा मर जाने की पर मृत्यु भी न आयी बुलाने पर आये तो महाकाल थके हारे शरीर को लेने मृत्यु का सत्य बताने ।