A Photo-Blog of Dhiraj shah
नीरज भाई, बहुत हसीन शाम है...मैंने कभी मय तो नहीं चखी, लेकिन आपकी खूबसूरत लाइनों ने मयखाने की तस्वीर आंखों के सामने रख दी।
यह चित्र का ही प्रभाव है कि धीरज से नीरज हो गये हो । बाकी सब ठीक है । सुन्दर चित्र ।
बहुत रचना है--------------चाँद, बादल और शाम
अति सुन्दर।
चार सुंदर लाइनों से ही नशा भर दिया आपने अपने बेहतर प्रस्तुति से..धन्यवाद!!
bhut sunder rachna...
वाह क्या बात है! बहुत खूब!
बेहतर प्रस्तुति ....
नीरज भाई, बहुत हसीन शाम है...मैंने कभी मय तो नहीं चखी, लेकिन आपकी खूबसूरत लाइनों ने मयखाने की तस्वीर आंखों के सामने रख दी।
ReplyDeleteयह चित्र का ही प्रभाव है कि धीरज से नीरज हो गये हो । बाकी सब ठीक है । सुन्दर चित्र ।
ReplyDeleteबहुत रचना है
ReplyDelete--------------
चाँद, बादल और शाम
अति सुन्दर।
ReplyDeleteचार सुंदर लाइनों से ही नशा भर दिया आपने अपने बेहतर प्रस्तुति से..धन्यवाद!!
ReplyDeletebhut sunder rachna...
ReplyDeleteवाह क्या बात है! बहुत खूब!
ReplyDeleteबेहतर प्रस्तुति ....
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