Friday, August 7, 2009
हिरोशिमा डे - ६ अगस्त
आज सारी दुनियाँ परमाणु प्रसार और परमाणु हथियार के जखीरे जुटाने मे लगी है और दुसरे विकासशील देश उसकी दौड मे शामिल है । जिस परमाणु बम का जखीरे जुटाने मे लगे है उसका भयानक रुप हमे द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान हिरोशिमा और नागासाकी मे देखने को मिला। द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान हिरोशिमा और नागासाकी मे ६ अगस्त और ९ अगस्त, 1945 को अमेरिकी राष्ट्रपति हैरी एस ट्रूमैन के कार्यकारी आदेश में संयुक्त राज्य अमेरिका ने जापान के खिलाफ परमाणु बम से हमला करने का आदेश दिया गया था। जिस परमाणु बम का इस्तेमाल किया गया था उसे अमेरिकी छोटा बालक कहते थे । यह हमला सुबह ८ बजकर १५ मिनट पर गिराया गया था। जिसमे लगभग डेढ लाख लोग मारे गये थे और अनुमानित ८० हजार हताह्त हुये थे। जो मानव इतिहास की सबसे बडी त्रासदी थी जिसमे लाखो लोगो की जान गयी थी । जिस परमाणु बम का उपयोग किया गया था उसका नाम ‘फैट मैन था। परमाणु बम निकले विकिरण ने बहुत समय तक लोग त्वचा के रोग, कैन्सर आदि रोगो ने लोगो को प्रभावित किया था । आज भी कही न कही उसका प्रभाव देखने को मिल जाता है ।
आज पुरी दुनिया से यही गुजारिश होनी चाहिये की हिरोशिमा और नागासाकी जैसा कोई शहर फिर न बर्बाद हो । आज परमाणु का उपयोग शान्ति के लिये चाहिये न कि बर्बादी के लिये ।
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
हिरोशिमा मे मारे गये समस्त लोगो को श्रद्धांजली
ReplyDeleteआपकी इस गुजारिश में हमारी भी शामिल मानें.
ReplyDeleteआलेख में व्यक्त भाव की कद्र करता हूँ।
ReplyDeleteसादर
श्यामल सुमन
09955373288
www.manoramsuman.blogspot.com
shyamalsuman@gmail.com
अत्यन्त उपयोगी और भावप्रवण प्रविष्टि । आपकी संवेदना में हम भी शामिल हैं ।
ReplyDeleteबहुत नेक विचार हैं आभार्
ReplyDeleteबीते दिनों को याद किया .आभार।
ReplyDeleteबर्बाद है... पता नहीं क्या मिला.. भविष्य में एसा न हो उम्मिद करते हैं..
ReplyDeleteऐसी त्रासदी फिर न हो यही दुआ है
ReplyDelete---
विज्ञान पर पढ़िए: शैवाल ही भविष्य का ईंधन है!
is jaankari ke liye bahut bahut shukriya
ReplyDeletedheeraj bhai , main aapse shamat hoon , in fact poori duniya me aisa koi bhi haadsa dusra nahi hona chahiye .. naman aapki lekhni ko , aapke photographs bahut acche hai , us par baad me kuch kahungaa
ReplyDeleteregards
vijay
please read my new poem " झील" on www.poemsofvijay.blogspot.com
Haardik sraddhaanjali.
ReplyDelete{ Treasurer-T & S }
आपके इस पोस्ट के दौरान अच्छी जानकारी प्राप्त हुई! तस्वीरें बहुत अच्छी है और साथ में बहुत ही सुंदर लिखा है आपने! उम्मीद है की ऐसा हादसा दुबारा कभी न हो!
ReplyDeleteShanti na ki barbadi...nice one.
ReplyDeleteस्वतंत्रता दिवस की बहुत बहुत बधाई और शुभकामनाएं. स्वतंत्रता रूपी हमारी क्रान्ति करवटें लेती हुयी लोकचेतना की उत्ताल तरंगों से आप्लावित है।....देखें "शब्द-शिखर" पर !!
ईश्वर फिर कभी मानवता को ऐसे दिन न दिखाएं
ReplyDeleteकाफी दिन हो गए आपने कोई नया पोस्ट नहीं किया! आपके पोस्ट का इंतज़ार है!
ReplyDeleteमेरे नए ब्लॉग पर आपका स्वागत है -
http://ek-jhalak-urmi-ki-kavitayen.blogspot.com