Wednesday, December 30, 2009

दो दिल



दो दिल हारे
अपनो से
एक बिछ्डा
दुजे के लिए
एक थी आस
आने की उनकी
न वे आये
न आया सन्देश
आये तो लेकिन
दुजे के साथ
दो दिल हारे
अपनो से .....

Tuesday, December 29, 2009

तोता राम



तोता राम भाई तोता राम
पंख हरे चोंच है लाल
गले मे पहने गहरी कंठी माला

सुबह शाम रटता राम राम
बच्चो का मनभावन तोता राम
सबको बुलाता कह राम राम
सबका प्यारा भाई तोता राम

Monday, December 21, 2009

किनारे



इस किनारे पर हम थे उस किनारे पर वो
मिलने की आस थी , पर दुर था किनारा
एक टक देख , लिये थी मिलने की आस
आज लहरें भी थी शांत मिलन को देखने के लिये
जमाने की थी नजर हमारे ओर
मिलन की आस मे चल पडे किनारे से लहरों की ओर .....

Tuesday, December 1, 2009

बढते कदम



चल पडे कदम अपनी मन्जिल की ओर
कल उलझे थे कदम अपनी परेशानियो मे
आज फिर चल पडे कदम अपनी मन्जिल की ओर
असमन्जस मे थे अपने कदम बढने से पहले
फिर सोचा चलो बढाये कदम मन्जिल की ओर

Monday, November 9, 2009

अंधाधुंध




अंधाधुंध हो रहे है साफ

कास-कूस, झाड-फूस

हो रहा महसूस, प्रधान जी है खुश


जनता हो रही है नाखुश

जहाँ हो रहा है शोषण

जहाँ केवल मिलता है दोष

फिर भी वहाँ है जाते लोग

मिलता है काम केवल अपनो को

वह है नाम नरेगा...

Sunday, November 8, 2009

धुधंली शाम



धुधंली शाम मे बैठे चार जन
तन से थे निराश , मन से भी निराश
उम्र ने भी छोड दिया था साथ
कभी उनकी भी थी आन-बान
कभी समय दौड्ता था साथ
आज समय ने भी छोड दिया साथ
कभी आगे-पीछे थी लोगो की फौज
आज के केवल चार जन
बैठे ....

Saturday, November 7, 2009

Thursday, November 5, 2009

दिलजला



दिल जला
मानों आत्मा जली
हलचल हुयी
दिलो दिमाग में
कुछ खोया-खोया सा लगा
मन न तो यहाँ है
न वहाँ नही
अपने तो छोड चले
बेगानो को क्या कहे
हम तो न चाहते थे छोडना
वे साथ छोड चले
वे कहते है कि हम दिलजले है......



Tuesday, November 3, 2009

देव दिवाली - देव आराधना









देव दिवाली - देव आराधना
देवो की आराधना आज हमारे कसबे के घाट पर हुयी , वहाँ के कुछ चित्र





Friday, October 30, 2009

अंजान



अंजान है रास्ता , अंजना है सफर , अनजाने लोग , अंजान है हमसफर ,फिर भी निकल पड़ा हु |
आगे
पहचाना रास्ता मिला , मंजिल मिला , पहचाने लोग मिले , हमसफर मिला ,
पर
मेरी पहचान न मिली ...........

Wednesday, October 28, 2009

मूसाफिर हु यारो



मुसाफिर हु यारो, बस चलना है काम , न घर है ना ठिकाना,
जहाँ रात हुयी वही ठिकाना, जो बोले मीठे बोल वही है याराना,
मुसाफिर हु यारो, बस चलना है काम

Tuesday, October 27, 2009

अकेला



आज अकेला हुँ , कल के साथ के लिए ,आज मै एक कदम चला, दो कदम साथ के लिये,
मंजिल दुर है , साथ तो चलो दो कदम।

Monday, October 26, 2009

भागमभाग



आज जिन्दगी मे भागमभाग लगी है, हर कोई भाग रहा है , भागमभाग से जीवन के मायने बदल गये है ,
रिश्तो के मतलब बदल गये है , लोग एक दुसरो को पीछे करने के लिये भाग रहे है , कब तक भागेगे ,
कभी तो थकेगे , उस समय तो समय ठहर जायेगा ।

Sunday, October 25, 2009

उगा हो सूरज बाबा अरगीय के बेरा









मेरे कसबे के डाला छठ का चित्र

शहर



आँगन छुटा, गलियां छुटी
छुटे सब संग - साथ
हम से हुयी थी क्या खता
हम हुए बेगाने अपने शहर मे और
शहर ने हमें काफिर बना डाला

ग़मों से दूर तक रिश्ता न था
हम बसा रहे थे अपनी दुनिया
अमन वालों ने ही जला डाली दुनिया
लुट डाली हया और आँखे हमारी
शहर ने हमें काफिर बना डाला

हुयी आंखे सूनी , सुना हुआ गोद
सूनी है आज गलियां और सड़क
अमन वाले बैठे देख रहे थे तमाशा
मना रहे है जश्न आज लाशो पर
शहर ने हमें काफिर बना डाला

उन्हें होश नही कि जलेगी उनकी भी दुनिया
जिसने हमें काफिर बना डाला .........................

Saturday, October 17, 2009

दीपो वाली रात



गुम हुई आज अंधेरी रात
रोशन हुआ अँधेरा
आज आयी है दीपो वाली रात
लेकर रोशनी की बरात
बाराती बने हम
बाती बनी है दुल्हन
दिया बना घर
उजाले ने दिया साथ तो
रोशन हुआ घर - आँगन
आज आयी है दीपो वाली रात

Saturday, August 29, 2009

पहचान



थोडा अपना सा कुछ बेगाना सा
कुछ पहचाना सा कुछ अन्जाना सा
थोडा भोला सा कुछ दिवाना सा
कुछ ऐसा है हम सफर मेरा
इक अजनबी , जाना - पहचाना सा ।

Friday, August 28, 2009

रिश्ता



आज मुलाकात हुयी लहरों से
उसने हमसे पुछा
हमारी पहचान क्या है आप से
हमारा रिश्ता क्या है आप से
तो मन मे उठी हलचल
सच मे हमारा क्या रिश्ता है
हम तो रोज आते है किनारों पर
हमने तो ना सोचा था
क्या रिश्ता है आप से
आज मन की डोर हो गई कमजोर
हम रिश्तो का नाम न दे पा रहे है
हम तो आये थे किनारे मौज मानाने
उन्होंने ने तो रिश्तो की डोर बना ली
अब तो रिश्तो की डोर थामने से डर लगता है
कही ये रिश्ते मैले न हो जाय
उन्होंने ने तो रिश्ता बनाया था दिल का
और हम कहते है की रिश्ता क्या है
आज फिर लहरों ने पुछा
क्या रिश्ता है हमारा

Thursday, August 27, 2009

शाम का उजाला



सुबह से हुयी
आज शाम
खामोश
किनारों दे दी आवाज
साहिलों ने भी आज दिल्लगी की हमसे
हमने भी सोचा
चलो आज हम भी दिल्लगी करे साहिलों से
साहिलों ने भी हमें लहरों से मिलाया
लहरों की भी कहानी अजीब है
उसका अपनापन भी है
बेगानापन भी है
बेवजह लोग उसे कतराते है
आज फैला डाली अपनी झोली
उसने डाले बंद सीप के मोती
खामोश
किनारों दे दी आवाज आज ............

Monday, August 24, 2009

कंक्रीट के जंगल


जल रहा है शहर
आज अपनो से
लोगो ने जला डाले
अपने अपने आँगन

जहाँ कभी आँगन मे गुजती थी
चिडियों का कलरव
आज गूंजती है
केवल सुनी हवाएं

कभी आँगन मे पड़ते थे झूले
झूलो पर चहचहाती हँसी
आज गूंजती है
सुनी आवाजे

जल रहा है शहर
आज अपनो से
लोगो ने जला डाले
अपने अपने आँगन

Sunday, August 23, 2009

अकेला मन


मन था आज अकेला
चला आज दूर तक
मन को बाधे
क्यो कि
आज मन था
बहका बहका
मन तोड़ चला
सारे बंधन
उड़ने लगा आज
मन
छुने की तमन्ना थी
आज सारा आकाश
मन तोड़ चला
सारे बंधन

Friday, August 21, 2009

मंजिल


चला था मै
राह मे
लिए सपनों को गठरी
मै बुनता गया
ताना
अपनी मंजिल का
मंजिल तो मिला
पर ठिकाना नही
मै खोजता रहा ठिकाना
पर मिला तो वो भी
नीले गगन की छाव मे |

Friday, August 7, 2009

हिरोशिमा डे - ६ अगस्त



आज
सारी दुनियाँ परमाणु प्रसार और परमाणु हथियार के जखीरे जुटाने मे लगी है और दुसरे विकासशील देश उसकी दौड मे शामिल है । जिस परमाणु बम का जखीरे जुटाने मे लगे है उसका भयानक रुप हमे द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान हिरोशिमा और नागासाकी मे देखने को मिला। द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान हिरोशिमा और नागासाकी मे ६ अगस्त और ९ अगस्त, 1945 को अमेरिकी राष्ट्रपति हैरी एस ट्रूमैन के कार्यकारी आदेश में संयुक्त राज्य अमेरिका ने जापान के खिलाफ परमाणु बम से हमला करने का आदेश दिया गया था। जिस परमाणु बम का इस्तेमाल किया गया था उसे अमेरिकी छोटा बालक कहते थे । यह हमला सुबह ८ बजकर १५ मिनट पर गिराया गया था। जिसमे लगभग डेढ लाख लोग मारे गये थे और अनुमानित ८० हजार हताह्त हुये थे। जो मानव इतिहास की सबसे बडी त्रासदी थी जिसमे लाखो लोगो की जान गयी थी । जिस परमाणु बम का उपयोग किया गया था उसका नाम फैट मैन था। परमाणु बम निकले विकिरण ने बहुत समय तक लोग त्वचा के रोग, कैन्सर आदि रोगो ने लोगो को प्रभावित किया था । आज भी कही न कही उसका प्रभाव देखने को मिल जाता है ।
आज पुरी दुनिया से यही गुजारिश होनी चाहिये की हिरोशिमा और नागासाकी जैसा कोई शहर फिर न बर्बाद हो । आज परमाणु का उपयोग शान्ति के लिये चाहिये न कि बर्बादी के लिये ।

Thursday, August 6, 2009

राहगीर


चला था मै साथ उनके राह में
राह ही लम्बी निकली
कुछ दुर चल कर
वह राह मे ही बिछड गये
खामोश राह मे मै
कुछ दुर चला
उनकी यादों के साथ
मै चला पर कुछ दुर ही चला
और तन ने साथ छोड दिया

Wednesday, August 5, 2009

प्यार का बंधन


प्यार और दुलार का बन्धन है रक्षाबंधन का त्योहार । इस दिन बहने भाई के कलाई पर राखी बांध कर उनकी लम्बी आयु और अपनी रक्षा की कामना करती है । यह त्योहार श्रावण मास के पुर्णिमा को मनाया जाता है ।
राखी का त्योहार एक व्यापक महत्व के रूप में दुनिया भर में भाई और बहन के अटुट रिश्तो के महत्व को बतलाता है और एक साथ एक छत के नीचे के परिवार के सदस्यों को लाने ले लिया है. राखी भाइयों और बहनों के बीच प्यार के लिए, प्यार का बंधन है है. यह त्यौहार भारत में बहुत महत्व रखता है. राखी भाइयों और बहनों के बीच प्यार के बंधन को मजबूत करता है
इतिहासवेत्ताओ के अनुसार - चित्तौण की महारानी कर्मावती ने दुश्मनो से आपनी रक्षा के लिये मुगल शासक हूमायुँ को राखी भेजा था और हुमायुँ ने उसे स्वीकार कर उनकी रक्षा की थी
पुराणो मे राखी के धागे बाधते समय बहन भाई के माथे पर रोरी का तिलक लगा कर इस मन्त्र का उच्चारण करती है -
येन बध्दो बली राजा दान्वेंद्रो महाबली:
तेन त्वां प्रतिबध्नामि रक्षा माचल माचल ।।
सच तो यह है कि राखी
रक्षा कवच के समान है ।

Tuesday, August 4, 2009

सबेरा



आज फिर आया नया सबेरा, नयी किरण के साथ।

Sunday, August 2, 2009

दोस्ती




मित्रदिवस-
मैत्री दिवस समारोह के पहले रविवार अगस्त पर हर साल की जगह ले. मित्रों के सम्मान में एक दिन समर्पित करने की परंपरा को अमेरिका में 1935 में शुरू हुआ. धीरे धीरे त्योहार लोकप्रियता और मैत्री दिवस भारत सहित देशों के बड़ी संख्या में मनाया जाता है आज मिली. लोग अपने मित्रों और उन्हें व्यक्त करने के लिए प्यार के साथ समय बिताना इस दिन पर. एक्सचेंज के फूल, पत्ते और कलाई बैंड की तरह मैत्री दिवस उपहार के इस अवसर का एक लोकप्रिय परंपरा है.

दोस्ती दिवस के इतिहास पर नहीं बहुत साहित्य के रूप में आज हम मनाने है. हालांकि, वहाँ अनेक लोककथाओं और पौराणिक किंवदंतियों कि पता चलता है कि दोस्त और दोस्ती सभ्य दुनिया की शुरुआत के बाद से मूल्य किया गया है में कई उदाहरण हैं. एक आंतरिक सामाजिक प्राणी के रूप में, पुरुष समाजीकरण की इस प्रक्रिया को आगे करने के लिए दोस्त बनाने के लिए प्यार करता हूँ.

मैत्री दिवस Quotes
इन सुनहरे मैत्री सार और सच के साथ दोस्ती के लायक महसूस करो. . कुछ सर्वाधिक, व्यक्तित्व और वफादार दोस्त हैं, दोस्त और दोस्ती पर इन कोमल और भावुक पंक्तियाँ आप अधिक प्यार से अपने दोस्तों के बारे में सोच कर देगा लिखता मनाया के दिल सीधे से आ रहा है.

"आपके मित्र, जो आप सभी के बारे में जानता है कि आदमी है, और अब भी तुम्हें पसंद करता है."
Friendship Day Quotes by: Elbert Hubard


"यह सच है दोस्ती ध्वनि स्वास्थ्य की तरह है, जब तक उसे खो दिया हो इसे का मूल्य ही कम जाना जाता है."Friendship Day Quotes by: Charles Caleb Colton

"प्रत्येक दोस्त हमें में एक दुनिया का प्रतिनिधित्व करता है, एक दुनिया जब तक वे आने संभवतः पैदा नहीं है, और यह केवल इस बैठक है कि एक नई दुनिया का जन्म होता है के द्वारा होता है."
Friendship Day Quotes by: Anais Nin


"मेरे दोस्तों को मेरे एस्टेट हैं."
Friendship Day Quotes by: Emily Dickinson

"एक सच्चा दोस्त जो है जब दुनिया के बाकी बाहर की सैर में चलता है."
Friendship Day Quotes by: Walter Winchell


"एक दोस्त जो वहाँ आप के लिए है न कि किसी को है, जब वह कहीं और होते."
Friendship Day Quotes by: Len Wein


"A friend is someone who knows the song in your heart, and can sing it back to you when you have forgotten the words." "
Friendship Day Quotes by: Unknown

"एक दोस्त एक है जो तुम में जब तुम अपने आप में विश्वास करने के लिए बंद है का मानना है."
Friendship Day Quotes by: Unknown

मेरे सामने नहीं चल करो, मैं अनुसरण नहीं कर सकते हैं.
मेरे पीछे चल मत करो, मैं नहीं ले सकता है.
मेरे पास चलो और मेरे दोस्त हो.
Friendship Day Quotes by: Albert Camus .

साभार - गुगल मित्र

Saturday, August 1, 2009

नजारे


आज हसीन शाम थी
नजारे भी हसीन थे
मय भी था, मयखाना भी
सारे मदहोश थे
कोई गम मे था
कोई खुशी मे
सारे पीये जा रहे थे
इस जश्न मे सबके हाथ मे थे प्याले
आज सभी थे मतवाले
इस हसीन शाम मे ।

Friday, July 31, 2009

बचपन



बालपन गुजारा माँ की गोद में
अपनी थी मौज बचपन मे ,
नादानीयो का पिटारा था बचपन
हर तरफ थी मौज ही मौज
न किसी से गीला था
न किसी से शिकवा - शिकायत
अपनी थी मौज बचपन मे ,
दिन बीतता था दोस्तो के संग
माँ की डाट भी उड जाती थी मौज मे
यारो के संग दोपहर मे बगीचे मे खेलना
अपनी थी मौज बचपन मे ।

Thursday, July 30, 2009

पहली किरण


भोर की पहली किरण
लायी नयी किरणो का सबेरा
नयी किरण लायी जिन्दगी मे उजाला
उजाले ने फैलाया मन मे उल्लास
उल्लास ने जगाया हौसला
हौसले ने बनायी तकदीर
तकदीर ने सवारा हमे।

Wednesday, July 29, 2009

Sunday, July 26, 2009

नाग पंचमी



श्रावणमासके शुक्लपक्षकी पंचमी तिथिको नागपंचमी का त्योहार नागोंको समर्पित है। इस त्योहारपर व्रतपूर्वक नागोंका अर्चन-पूजन होता है। वेद और पुराणोंमें नागोंका उद्गम महर्षि कश्यप और उनकी पत्नी कद्रूसे माना गया है। नागोंका मूलस्थान पाताललोक प्रसिद्ध है।

ब्रह्माजीने पंचमी तिथिको नागोंको पाण्डववंशके राजा जनमेजय द्वारा किये जानेवाले नागयज्ञसे यायावरवंशमें उत्त्पन्न तपस्वी जरत्कारु के पुत्र आस्तीक द्वारा रक्षाका वरदान दिया था। तथा इसी तिथिपर आस्तीकमुनिने नागोंका परिरक्षण किया था । अत: नागपंचमीका यह पर्व ऎतिहासिक तथा सांस्कृतिक दृष्टिसे महत्त्वपूर्ण है ।

श्रावनमासके शुक्लपक्षकी पंचमीको नागपूजाका विधान है। व्रतके साथ एक बार भोजन करने का नियम है। पूजामें पृथ्वीपर नागोंका चित्राड्कन किया जाता है। स्वर्ण, रजत, काष्ठ या मृत्तिकासे नाग बनाकर पुष्प, गुन्ध, धूप-दीप एवं विविध नैवेधोंसे नागोंका पूजन होता है।

निज गृहके द्वारमें दोनों ओर गोबरके सर्प बनाकर उनका दधि, दूर्वा, कुशा, गन्ध, अक्षत, पुष्प, मोदक और मालपुआ आदिसे पूजा करने और ब्राह्मणोंको भोजन कराकर एकभुक्त व्रत करनेसे घरमें सर्पोंका भय नहीं होता है।

आभार - www.riiti.com

Saturday, July 25, 2009

सात रंग



सात रंग
सच मे ये सपनो के सात रंग है
जो हमारे जीवन के हर संग है
जो रोज जीते है
हर पल जीते है
भिन्न भिन्न रंग।

जीवन का उतार - चढाव
रंगो के संग आता जाता है
कुछ मीठें है
तो
कुछ खट्टे भी है ।

ये है
सात रंग

Friday, July 24, 2009

महंगा हुआ खाना


आज खाने की थाली हुयी महंगी
क्या गरीब क्या अमीर
सब है परेशान
क्या खाये क्या ना खाये
भोजन हुआ महंगा
थाली मे न दाल है
न सब्जी
थाली हुयी उदास
क्या करे गरीब
क्या करे अमीर
चारो ओर फैली है
आज महंगायी
जो रोके न रुके किसी से
आज महंगा हुआ खाना

Thursday, July 23, 2009

बुद्ध



बुद्धम शरणम गच्छामि

धम्मम शरणम गच्छामि

संघम शरणम गच्छामि

मैं बुद्ध की शरण में जाने.

मैं धर्म की शरण में जाने।

मै सघ की शरण मे जाने